Monday, 30 June 2014

Identify yourself and...Fly like eagle

Dear Friend !! इस story को शायद हमने सुना हो या कही पढ़ा हो। जरा गौर फरमाए .. 

एक बार की बात है कि एक बाज का अंडा मुर्गी के अण्डों के बीच आ गया. कुछ दिनों  बाद उन अण्डों में से चूजे निकले, बाज का बच्चा भी उनमे से एक था.वो उन्ही के बीच बड़ा होने लगा. वो वही करता जो बाकी चूजे करते, मिटटी में इधर-उधर खेलता, दाना चुगता और दिन भर उन्हीकी तरह चूँ-चूँ करता. बाकी चूजों की तरह वो भी बस थोडा सा ही ऊपर उड़ पाता , और पंख फड़-फडाते हुए नीचे आ जाता . फिर एक दिन उसने एक बाज को खुले आकाश में उड़ते हुए देखा, बाज बड़े शान से बेधड़क उड़ रहा था. तब उसने बाकी चूजों से पूछा, कि-
” इतनी उचाई पर उड़ने वाला वो शानदार पक्षी कौन है?”
तब चूजों ने कहा-” अरे वो बाज है, पक्षियों का राजा, वो बहुत ही ताकतवर और विशाल है , लेकिन तुम उसकी तरह नहीं उड़ सकते क्योंकि तुम तो एक चूजे हो!”
बाज के बच्चे ने इसे सच मान लिया और कभी वैसा बनने की कोशिश नहीं की. वो ज़िन्दगी भर चूजों की तरह रहा, और एक दिन बिना अपनी असली ताकत पहचाने ही मर गया.
 दोस्तों ,जरा सोचिये  हममें से बहुत से लोग  उस बाज की तरह ही अपना असली potential जाने बिना एक second-class ज़िन्दगी जीते रहते हैं, हमारे आस-पास की mediocrity हमें भी mediocre बना देती है.हम में ये भूल जाते हैं कि हम आपार संभावनाओं से पूर्ण एक प्राणी हैं. हमारे लिए इस जग में कुछ भी असंभव नहीं है,पर फिर भी बस एक औसत जीवन जी के हम इतने बड़े मौके को गँवा देते हैं.
आप चूजों  की तरह मत बनिए , अपने आप पर ,अपनी काबिलियत पर भरोसा कीजिए. आप चाहे जहाँ हों, जिस परिवेश में हों, अपनी क्षमताओं को पहचानिए और आकाश की ऊँचाइयों पर उड़ कर  दिखाइए  क्योंकि यही आपकी वास्तविकता है. आप वो सब कुछ कर सकते है जो आपने dream किया है बस जरुरत है खुद को पहचानने की और अपने मंजिल की ओर कदम  बड़ाने  की। Good luck :) 

Life must have priorities - Very Important, Important, Not Important or less important Just like...ज़िन्दगी के पत्थर, कंकड़ और रेत

Philosophy के एक professor ने कुछ चीजों के साथ class में प्रवेश किया. जब class शुरू हुई तो उन्होंने एक बड़ा सा खाली शीशे का जार लिया और उसमे पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े भरने लगे. फिर उन्होंने students से पूछा कि क्या जार भर गया है ? और सभी ने कहा “हाँ”.
तब प्रोफ़ेसर ने छोटे-छोटे कंकडों से भरा एक box लिया और उन्हें जार में भरने लगे. जार को थोडा हिलाने पर ये कंकड़ पत्थरों के बीच settle हो गए. एक बार फिर उन्होंने छात्रों से पूछा कि क्या जार भर गया है?  और सभी ने हाँ में उत्तर दिया.
तभी professor ने एक sand box निकाला और उसमे भरी रेत को जार में डालने लगे. रेत ने बची-खुची जगह भी भर दी. और एक बार फिर उन्होंने पूछा कि क्या जार भर गया है? और सभी ने एक साथ उत्तर दिया , ” हाँ”
फिर professor ने समझाना शुरू किया, ” मैं चाहता हूँ कि आप इस बात को समझें कि ये जार आपकी life को represent करता है. बड़े-बड़े पत्थर आपके जीवन की ज़रूरी चीजें हैं- आपकी family,आपका partner,आपकी health, आपके बच्चे – ऐसी चीजें कि अगर आपकी बाकी सारी चीजें खो भी जाएँ और सिर्फ ये रहे तो भी आपकी ज़िन्दगी पूर्ण रहेगी.
ये कंकड़ कुछ अन्य चीजें हैं जो matter करती हैं- जैसे कि आपकी job, आपका घर, इत्यादि.
और ये रेत बाकी सभी छोटी-मोटी चीजों को दर्शाती है.
अगर आप जार को पहले रेत से भर देंगे तो कंकडों और पत्थरों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी. यही आपकी life के साथ होता है. अगर आप अपनी सारा समय और उर्जा छोटी-छोटी चीजों में लगा देंगे तो आपके पास कभी उन चीजों के लिए time नहीं होगा जो आपके लिए important हैं. उन चीजों पर ध्यान दीजिये जो आपकी happiness के लिए ज़रूरी हैं.बच्चों के साथ खेलिए, अपने partner के साथ dance कीजिये. काम पर जाने के लिए, घर साफ़ करने के लिए,party देने के लिए,  हमेशा वक़्त होगा. पर पहले पत्थरों पर ध्यान दीजिये – ऐसी चीजें जो सचमुच matter करती हैं . अपनी priorities set कीजिये. बाकी चीजें बस रेत हैं.”

Stress Management - How to Reduce stress in life and Be Stress Free

Dear Friend !! Its very true that we faces everyday some problem related to work, family, relations, jobs, law & order, any external or internal factor etc. and due to this reason we feel stressed and after that story changed and we act full of stressed person. We shout with very small incident and that time stress person are not able to utilize their focus...we all know stress is bad for us and it to be managed properly. So, if you still stressed then just read few lines of story...and you feel a new way to solve your problem !!

...are you ready for manage your stress...forget it, just read a simple story in easy language to manage your stress easily.

एक  दिन की  बात है… एक प्रोफ़ेसर ने अपने हाथ में पानी से भरा एक glass पकड़ते  हुए class शुरू की . उन्होंने उसे ऊपर उठा कर सभी students को दिखाया और पूछा , ” आपके हिसाब से glass का वज़न कितना होगा?”
छात्रों ने उत्तर दिया150 gram,175 gram, 200 gram 250 gram etc. 
” जब तक मैं इसका वज़न ना कर लूँ  मुझे इसका सही वज़न नहीं बता सकता”. प्रोफ़ेसर ने कहा. ” पर मेरा सवाल है:
यदि मैं इस ग्लास को थोड़ी देर तक  इसी तरह उठा कर पकडे रहूँ तो क्या होगा ?”
‘कुछ नहीं’ …छात्रों ने कहा.
‘अच्छा , अगर मैं इसे मैं इसी तरह एक घंटे तक उठाये रहूँ तो क्या होगा ?” , प्रोफ़ेसर ने पूछा.
‘आपका हाथ दर्द होने लगेगा’, एक छात्र ने कहा.
” तुम सही हो, अच्छा अगर मैं इसे इसी तरह पूरे दिन उठाये रहूँ तो का होगा?”
” आपका हाथ सुन्न हो सकता है, आपके muscle में भारी तनाव आ सकता है , लकवा मार सकता है और पक्का आपको hospital जाना पड़ सकता है”….किसी छात्र ने कहा, और बाकी सभी हंस पड़े…
“बहुत अच्छा , पर क्या इस दौरान glass का वज़न बदला?” प्रोफ़ेसर ने पूछा.
उत्तर आया ..”नहीं”
” तब भला हाथ में दर्द और मांशपेशियों में तनाव क्यों आया?”
Students अचरज में पड़ गए.
फिर प्रोफ़ेसर ने पूछा ” अब दर्द से निजात पाने के लिए मैं क्या करूँ?”
” ग्लास को नीचे रख दीजिये! एक छात्र ने कहा.
” बिलकुल सही!” प्रोफ़ेसर ने कहा.
Life की problems भी कुछ इसी तरह होती हैं. इन्हें कुछ देर तक अपने दिमाग में रखिये और लगेगा की सब कुछ ठीक है.उनके बारे में ज्यदा देर सोचिये और आपको पीड़ा होने लगेगी.और इन्हें और भी देर तक अपने दिमाग में रखिये और ये आपको paralyze करने लगेंगी. और आप कुछ नहीं कर पायेंगे.
अपने जीवन में आने वाली चुनातियों और समस्याओं के बारे में सोचना ज़रूरी है, पर उससे भी ज्यादा ज़रूरी है दिन के अंत में सोने जाने से पहले उन्हें नीचे रखना.इस तरह से, आप stressed नहीं रहेंगे, आप हर रोज़ मजबूती और ताजगी के साथ उठेंगे और सामने आने वाली किसी भी चुनौती का सामना कर सकेंगे.
problem हम सब की life में है , but हम यदि problem के बारे में ही सोचते रहे तो हम कभी solution के करीब नहीं पहुँच पायेगे।  so हमें करना ये है की हमें अपने mind ko problem se free karne ki jarurat hai. jese hi mind free hoga wase hi solution ke vichar aane lagenge. So be stress free...to put your stress in stressBin (:).

Saturday, 28 June 2014

The story of three trees...तीन पेड़ो की कथा

यह एक बहुत पुरानी बात है| किसी नगर के समीप एक जंगल तीन वृक्ष थे| वे तीनों अपने सुख-दुःख और सपनों के बारे में एक दूसरे से बातें किया करते थे| एक दिन पहले वृक्ष ने कहा – “मैं खजाना रखने वाला बड़ा सा बक्सा बनना चाहता हूँ| मेरे भीतर हीरे-जवाहरात और दुनिया की सबसे कीमती निधियां भरी जाएँ. मुझे बड़े हुनर और परिश्रम से सजाया जाय, नक्काशीदार बेल-बूटे बनाए जाएँ, सारी दुनिया मेरी खूबसूरती को निहारे, ऐसा मेरा सपना है|”
 दूसरे वृक्ष ने कहा – “मैं तो एक विराट जलयान बनना चाहता हूँ| ताकि बड़े-बड़े राजा और रानी मुझपर सवार हों और दूर देश की यात्राएं करें, मैं अथाह समंदर की जलराशि में हिलोरें लूं, मेरे भीतर सभी सुरक्षित महसूस करें और सबका यकीन मेरी शक्ति में हो… मैं यही चाहता हूँ|” अंत में तीसरे वृक्ष ने कहा – “मैं तो इस जंगल का सबसे बड़ा और ऊंचा वृक्ष ही बनना चाहता हूँ| लोग दूर से ही मुझे देखकर पहचान लें, वे मुझे देखकर ईश्वर का स्मरण करें, और मेरी शाखाएँ स्वर्ग तक पहुंचें… मैं संसार का सर्वश्रेष्ठ वृक्ष ही बनना चाहता हूँ|”
ऐसे ही सपने देखते-देखते कुछ साल गुज़र गए. एक दिन उस जंगल में कुछ लकड़हारे आए| उनमें से जब एक ने पहले वृक्ष को देखा तो अपने साथियों से कहा – “ये जबरदस्त वृक्ष देखो! इसे बढ़ई को बेचने पर बहुत पैसे मिलेंगे.” और उसने पहले वृक्ष को काट दिया| वृक्ष तो खुश था, उसे यकीन था कि बढ़ई उससे खजाने का बक्सा बनाएगा|
दूसरे वृक्ष के बारे में लकड़हारे ने कहा – “यह वृक्ष भी लंबा और मजबूत है| मैं इसे जहाज बनाने वालों को बेचूंगा”| दूसरा वृक्ष भी खुश था, उसका चाहा भी पूरा होने वाला था|
लकड़हारे जब तीसरे वृक्ष के पास आए तो वह भयभीत हो गया|वह जानता था कि अगर उसे काट दिया गया तो उसका सपना पूरा नहीं हो पाएगा| एक लकड़हारा बोला – “इस वृक्ष से मुझे कोई खास चीज नहीं बनानी है इसलिए इसे मैं ले लेता हूं”| और उसने तीसरे वृक्ष को काट दिया|
पहले वृक्ष को एक बढ़ई ने खरीद लिया और उससे पशुओं को चारा खिलानेवाला कठौता बनाया|कठौते को एक पशुगृह में रखकर उसमें भूसा भर दिया गया| बेचारे वृक्ष ने तो इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी|दूसरे वृक्ष को काटकर उससे मछली पकड़नेवाली छोटी नौका बना दी गई| भव्य जलयान बनकर राजा-महाराजाओं को लाने-लेजाने का उसका सपना भी चूर-चूर हो गया| तीसरे वृक्ष को लकड़ी के बड़े-बड़े टुकड़ों में काट लिया गया और टुकड़ों को अंधेरी कोठरी में रखकर लोग भूल गए|
एक दिन उस पशुशाला में एक आदमी अपनी पत्नी के साथ आया और स्त्री ने वहां एक बच्चे को जन्म दिया|वे बच्चे को चारा खिलानेवाले कठौते में सुलाने लगे। कठौता अब पालने के काम आने लगा| पहले वृक्ष ने स्वयं को धन्य माना कि अब वह संसार की सबसे मूल्यवान निधि अर्थात एक शिशु को आसरा दे रहा था|
समय बीतता गया और सालों बाद कुछ नवयुवक दूसरे वृक्ष से बनाई गई नौका में बैठकर मछली पकड़ने के लिए गए, उसी समय बड़े जोरों का तूफान उठा और नौका तथा उसमें बैठे युवकों को लगा कि अब कोई भी जीवित नहीं बचेगा। एक युवक नौका में निश्चिंत सा सो रहा था। उसके साथियों ने उसे जगाया और तूफान के बारे में बताया। वह युवक उठा और उसने नौका में खड़े होकर उफनते समुद्र और झंझावाती हवाओं से कहा – “शांत हो जाओ”, और तूफान थम गया| यह देखकर दूसरे वृक्ष को लगा कि उसने दुनिया के परम ऐश्वर्यशाली सम्राट को सागर पार कराया है |
तीसरे वृक्ष के पास भी एक दिन कुछ लोग आये और उन्होंने उसके दो टुकड़ों को जोड़कर एक घायल आदमी के ऊपर लाद दिया। ठोकर खाते, गिरते-पड़ते उस आदमी का सड़क पर तमाशा देखती भीड़ अपमान करती रही। वे जब रुके तब सैनिकों ने लकड़ी के सलीब पर उस आदमी के हाथों-पैरों में कीलें ठोंककर उसे पहाड़ी की चोटी पर खड़ा कर दिया|दो दिनों के बाद रविवार को तीसरे वृक्ष को इसका बोध हुआ कि उस पहाड़ी पर वह स्वर्ग और ईश्वर के सबसे समीप पहुंच गया था क्योंकि ईसा मसीह को उसपर सूली पर चढ़ाया गया था।
निष्कर्ष :– सब कुछ अच्छा करने के बाद भी जब हमारे काम बिगड़ते जा रहे हों तब हमें यह समझना चाहिए कि शायद ईश्वर ने हमारे लिए कुछ बेहतर सोचा है| यदि आप उसपर यकीन बरक़रार रखेंगे तो वह आपको नियामतों से नवाजेगा|प्रत्येक वृक्ष को वह मिल गया जिसकी उसने ख्वाहिश की थी, लेकिन उस रूप में नहीं मिला जैसा वे चाहते थे। हम नहीं जानते कि ईश्वर ने हमारे लिए क्या सोचा है या ईश्वर का मार्ग हमारा मार्ग है या नहीं… लेकिन उसका मार्ग ही सर्वश्रेष्ठ मार्ग है|

Lets Desire...हमारी सची इच्छा ही हमे नए मार्ग दिखाती हैं!

एक समय की बात है। एक गाँव में एक छुटकी-सी लड़की रहती थी जिसका नाम सलोनी था। सलोनी को बचपन से ही कहानियाँ सुनने का बहुत शौक था। वह अपनी दादी से कहानियाँ सुनती थी। दादी कभी उसे खट्टी कहानी सुनाती तो कभी मीठी कहानी सुनाती। सलोनी जिस राज्य में रहती थी वहाँ के राजा को भी कहानियों का बहुत शौक था। राजा को कहानियाँ पढ़ने के लिए एकांत पसंद था और इसलिए महल में किसी को बिना आज्ञा घुसने की मनाही थी। राजा हमेशा नई-नई कहानियों की तलाश में रहता था। सलोनी ने दादी और अपनी सहेलियों से सुना था कि राजा को बहुत सारी कहानियाँ याद भी हैं।
सलोनी के मन में बड़ी इच्छा थी कि वह भी जाकर राजा को कहानी सुनाए और उनसे कहानियाँ सुने, पर एक छोटी-सी लड़की को राजा के महल में कौन जाने देता। फिर सलोनी को द्वारपाल पहचानते भी नहीं थे। सलोनी ने एक बार कोशिश भी की, पर द्वारपाल ने यह कहकर मना कर दिया कि बेटी, तुम्हें भीतर जाने देंगे तो हमारी नौकरी चली जाएगी। सलोनी को मालूम था कि नगर के सेठ और पंडित-पुजारी राजा को कहानियाँ सुनाने जाते हैं। उसने द्वारपाल से कहा कि दूसरों को तो तुम राजा के पास जाने देते हो, मुझे क्यों रोकते हो? द्वारपाल ने कहा- क्योंकि राजा जी उन्हें जानते हैं बेटी। तुम्हें अगर महाराज पहचानते तो हम तुम्हें भी भीतर जाने देते। तो सलोनी को महल में जाने नहीं मिला। सलोनी ने सोचा क्या राजा को दरबार में जाकर कहानी सुना दूँ, पर तभी खयाल आया कि वहाँ तो राजा इतने व्यस्त रहते थे कि वहाँ तो उन्हें कहानी सुनाई ही नहीं जा सकती है।
सलोनी ने तरकीब लड़ाई। उसने राजा के रसोइए को ढूँढ निकला। गणेश रसोइया राजा का खाना बनाता था। उसने भी राजा से कुछ कहानियाँ सुनी थीं। सलोनी ने पूछा तो गणेश ने हँसते-हँसते बताया कि राजा तो बहुत ही मजेदार कहानियाँ सुनाते हैं, उनके पास तो कहानियों का खजाना है खजाना।
सलोनी ने रसोइए से पूछा कि भैया क्या तुम मुझे महल के भीतर ले चल सकते हो, मैं राजा को एक कहानी सुनाना चाहती हूँ? रसोइए ने कहा- नहीं बेटा, राजा अगर गुस्सा हो गए तो मेरी तो नौकरी ही चली जाएगी। सलोनी उदास हो गई। सलोनी ने हार नहीं मानी, उसने राजा के पंडित से पूछा कि आप मुझे ले चलिए ना महल के अंदर ताकि मैं राजा को अपनी कहानी सुना सकूँ। पंडित ने कहा बेटी, राजा को कहानियाँ सुनने का शौक तो है, पर मुझसे द्वारपालों ने तुम्हारे बारे में पूछा तो मैं क्या कहूँगा? सलोनी उदास होकर बैठ गई। फिर भी उसके मन में विश्वास था कि कोई तो तरीका होगा, जिससे राजा को कहानी सुनाई जा सके।
सोचते-सोचते पूरा सप्ताह गुजर गया। गर्मियों के दिनों की शुरुआत हुई और एक दिन राजा की तरफ से घोषणा हुई कि राजा नई कहानी सुनना चाहता है और जो कोई भी राजा को नई कहानी सुनाएगा, उसे राजा की तरफ से मुँहमाँगा इनाम दिया जाएगा। सलोनी ने घोषणा सुनी तो खुशी से फूली नहीं समाई। उसे अपनी कहानी सुनाने का मौका मिल गया था।
दादी, मुझे राजा को कौन-सी कहानी सुनाना चाहिए सलोनी सोच में पड़ गई। उसने अपनी सहेलियों से पूछा। सलोनी की एक सहेली राधा राजा को परी की कहानी सुनाना चाहती थी। नगर में बड़े लोग भी थे जो राजा को कहानी सुनाने को उत्सुक थे। नगर के बड़े सेठ, पुजारी, सुनार, लुहार, दर्जी सभी ने अपनी कहानियाँ तैयार कर ली थीं। सभी को इनाम का लालच था, पर सलोनी को इनाम से ज्यादा राजा को अपनी कहानी सुनाने की चिंता थी। आखिर वह दिन भी आया, जब सभी को अपनी-अपनी कहानी सुनाना थी।
सभी लोगों ने अपनी-अपनी कहानी सुनाई पर राजा को मजा नहीं आया। सभी कहानिया पुरानी थी और राजा ने कहीं ना कहीं सुन रखी थी। इसके बाद सलोनी की बारी आई। सलोनी ने सोचा ‍कि राजा को पुरानी कहानी सुनाकर खुश नहीं किया जा सकता है। इसलिए उसने राजा को नई कहानी सुनाई। उसे राजा को कहानी सुनाने में जो मुश्किलें आईं उस घटना की कहानी बनाकर सुनाना शुरू की। राजा ने ऐसी सच्ची कहानी पहली बार सुनी थी।
उन्हें सलोनी की कहानी सुनकर दुख हुआ कि एक लड़की राजा को अच्छी कहानी सुनाना चाहती है और राजा के पास समय ही नहीं है। राजा ने उत्सुकता से पूछा फिर क्या लड़की राजा को कहानी सुना पाई? सलोनी बोली – आखिर में लड़की ने राजा को कहानी सुनाई और कहानी राजा को पसंद भी आई। सलोनी की कहानी खत्म हुई तो राजा ने कहा कि सचमुच ऐसी कहानी उन्होंने आज तक नहीं सुनी थी। उन्होंने सलोनी को एक रंग-बिरंगे फूलों वाली ड्रेस भी उपहार में दी।
राजा ने सलोनी से यह भी कहा कि वह महल आए ताकि राजा अपनी कहानियाँ सलोनी को सुना सके। इसके बाद सलोनी और राजा में मित्रता हो गई।
मंत्रा : ज़िन्दगी का हर छोटा बड़ा प्रयास ही हमें एक मुमकिन जगह पहुचाता हैं ,जितनी बडे भी आपके प्रयास होते हैं,उतना ही ज्यादा उनका फल भी हमारी झोली मैं आता हैं !

The winning Frog - विजेता मेंढक

बहुत  समय  पहले  की  बात  है  एक  सरोवर  में  बहुत  सारे  मेंढक  रहते  थे . सरोवर  के   बीचों -बीच  एक  बहुत  पुराना  धातु   का  खम्भा  भी  लगा  हुआ   था  जिसे  उस  सरोवर  को  बनवाने  वाले  राजा    ने   लगवाया  था . खम्भा  काफी  ऊँचा  था  और  उसकी  सतह  भी  बिलकुल  चिकनी  थी .
एक  दिन  मेंढकों  के  दिमाग  में  आया  कि  क्यों  ना  एक  रेस  करवाई  जाए . रेस  में  भाग  लेने  वाली  प्रतियोगीयों  को  खम्भे  पर  चढ़ना  होगा , और  जो  सबसे  पहले  एक  ऊपर  पहुच  जाएगा  वही  विजेता  माना  जाएगा .
रेस  का  दिन  आ   पंहुचा , चारो  तरफ   बहुत  भीड़  थी ; आस -पास  के  इलाकों  से  भी  कई  मेंढक  इस  रेस  में  हिस्सा   लेने  पहुचे   . माहौल  में  सरगर्मी थी   , हर  तरफ  शोर  ही  शोर  था .
रेस  शुरू  हुई …
…लेकिन  खम्भे को देखकर  भीड़  में  एकत्र  हुए  किसी  भी  मेंढक  को  ये  यकीन  नहीं हुआकि  कोई  भी  मेंढक   ऊपर  तक  पहुंच  पायेगा …
हर  तरफ  यही सुनाई  देता …
“ अरे  ये   बहुत  कठिन  है ”
“ वो  कभी  भी  ये  रेस  पूरी  नहीं  कर  पायंगे ”
“ सफलता  का  तो  कोई  सवाल ही  नहीं  , इतने  चिकने  खम्भे पर चढ़ा ही नहीं जा सकता  ”
और  यही  हो  भी  रहा  था , जो भी  मेंढक  कोशिश  करता , वो  थोडा  ऊपर  जाकर  नीचे  गिर  जाता ,
कई  मेंढक  दो -तीन  बार  गिरने  के  बावजूद  अपने  प्रयास  में  लगे  हुए  थे …
पर  भीड़  तो अभी भी  चिल्लाये  जा  रही  थी , “ ये  नहीं  हो  सकता , असंभव ”, और  वो  उत्साहित  मेंढक  भी ये सुन-सुनकर हताश हो गए और अपना  प्रयास  छोड़  दिया .
लेकिन  उन्ही  मेंढकों  के  बीच  एक  छोटा  सा  मेंढक  था , जो  बार -बार  गिरने  पर  भी  उसी  जोश  के  साथ  ऊपर  चढ़ने  में  लगा  हुआ  था ….वो लगातार   ऊपर  की  ओर  बढ़ता  रहा ,और  अंततः  वह  खम्भे के  ऊपर  पहुच  गया  और इस रेस का  विजेता  बना .
उसकी  जीत  पर  सभी  को  बड़ा  आश्चर्य  हुआ , सभी मेंढक  उसे  घेर  कर  खड़े  हो  गए  और  पूछने  लगे   ,” तुमने  ये  असंभव  काम  कैसे  कर  दिखाया , भला तुम्हे   अपना  लक्ष्य   प्राप्त  करने  की  शक्ति  कहाँ  से  मिली, ज़रा हमें भी तो बताओ कि तुमने ये विजय कैसे प्राप्त की ?”
तभी  पीछे  से  एक  आवाज़  आई … “अरे  उससे  क्या  पूछते  हो , वो  तो  बहरा  है ”
Friends, अक्सर हमारे अन्दर अपना लक्ष्य प्राप्त करने की काबीलियत होती है, पर हम अपने चारों तरफ मौजूद नकारात्मकता की वजह से खुद को कम आंक बैठते हैं और हमने जो बड़े-बड़े सपने देखे होते हैं उन्हें पूरा किये बिना ही अपनी ज़िन्दगी गुजार देते हैं . आवश्यकता  इस बात की है हम हमें कमजोर बनाने वाली हर एक आवाज के प्रति बहरे और ऐसे हर एक दृश्य के प्रति अंधे हो जाएं. और तब हमें सफलता के शिखर पर पहुँचने से कोई नहीं रोक पायेगा.

Think Big...बड़ा सोचो

अत्यंत गरीब परिवार का एक  बेरोजगार युवक  नौकरी की तलाश में  किसी दूसरे शहर जाने के लिए  रेलगाड़ी से  सफ़र कर रहा था | घर में कभी-कभार ही सब्जी बनती थी, इसलिए उसने रास्ते में खाने के लिए सिर्फ रोटीयां ही रखी थी |
आधा रास्ता गुजर जाने के बाद उसे भूख लगने लगी, और वह टिफिन में से रोटीयां निकाल कर खाने लगा | उसके खाने का तरीका कुछ अजीब था , वह रोटी का  एक टुकड़ा लेता और उसे टिफिन के अन्दर कुछ ऐसे डालता मानो रोटी के साथ कुछ और भी खा रहा हो, जबकि उसके पास तो सिर्फ रोटीयां थीं!! उसकी इस हरकत को आस पास के और दूसरे यात्री देख कर हैरान हो रहे थे | वह युवक हर बार रोटी का एक टुकड़ा लेता और झूठमूठ का टिफिन में डालता और खाता | सभी सोच रहे थे कि आखिर वह युवक ऐसा क्यों कर रहा था | आखिरकार  एक व्यक्ति से रहा नहीं गया और उसने उससे पूछ ही लिया की भैया तुम ऐसा क्यों कर रहे हो, तुम्हारे पास सब्जी तो है ही नहीं फिर रोटी के टुकड़े को हर बार खाली टिफिन में डालकर ऐसे खा रहे हो मानो उसमे सब्जी हो |
तब उस युवक  ने जवाब दिया, “भैया , इस खाली ढक्कन में सब्जी नहीं है लेकिन मै अपने मन में यह सोच कर खा रहा हू की इसमें बहुत सारा आचार है,  मै आचार के साथ रोटी खा रहा हू  |”
फिर व्यक्ति ने पूछा , “खाली ढक्कन में आचार सोच कर सूखी रोटी को खा रहे हो तो क्या तुम्हे आचार का स्वाद आ रहा है ?”
“हाँ, बिलकुल आ रहा है , मै रोटी  के साथ अचार सोचकर खा रहा हूँ और मुझे बहुत अच्छा भी लग रहा है |”, युवक ने जवाब दिया|
उसके इस बात को आसपास के यात्रियों ने भी सुना, और उन्ही में से एक व्यक्ति बोला , “जब सोचना ही था तो तुम आचार की जगह पर मटर-पनीर सोचते, शाही गोभी सोचते….तुम्हे इनका स्वाद मिल जाता | तुम्हारे कहने के मुताबिक तुमने आचार सोचा तो आचार का स्वाद आया तो और स्वादिष्ट चीजों के बारे में सोचते तो उनका स्वाद आता | सोचना ही था तो भला  छोटा क्यों सोचे तुम्हे तो बड़ा सोचना चाहिए था |”
मित्रो इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की जैसा सोचोगे वैसा पाओगे | छोटी सोच होगी तो छोटा मिलेगा, बड़ी सोच होगी तो बड़ा मिलेगा | इसलिए जीवन में हमेशा बड़ा सोचो | बड़े सपने देखो , तो हमेश बड़ा ही पाओगे | छोटी सोच में भी उतनी ही उर्जा और समय खपत होगी जितनी बड़ी सोच में, इसलिए जब सोचना ही है तो हमेशा बड़ा ही सोचो|

Tuesday, 24 June 2014

Social Networking Sites (SNS): A Quick study and its impact for Educational & Social Platform By Navneet Vishwas & Team

Abstract: Social Networking Sites have millions of users with global connections. More and more, people are turning to the Internet to keep in touch with friends, family and colleagues. Some popular social sites in the world are Facebook, Twitter, MySpace, Pinterest, Google Plus+, Tumblr, Instagram, Flickr, MySpace etc. These social websites provide very simple joining & working platform. It provides platform for virtual communication that allows people to connect with each other. During research, Research Scholar Mr. Navneet and Ms.Palak found that Social Networking Sites are very beneficial. It provide interface for chatting , emailing, instant messaging, video- and photo- sharing, audio & video calling, which help people to communicate and socialize with each other.  But it’s also affecting our social, educational and personal life. Due to SNS we are globally connected but as actual we destroy our social values system, at one side SNS is a very fast medium for information sharing related to personal, political, social & educational but in other side our youth addicted to SNS. Sometimes it’s also plays a role to spoil their life and waste their time using SNS which have been broadly covered in this journal. The study found that almost half of users under the age of 25 and 27 percent of those over 25 - allow social media updates to interrupt meals, and that 11 percent admit to checking updates during sex. Twenty-four percent of users under 25 and 12 percent of users over 25 allow "electronic message" to interrupt them while they're in the bathroom. So, its affect our life which is must be noticed.Cyber expert and criminals also takes advantage of these social networking sites to perform various legal & illegal activities. We also try to elaborate SNS advantage, disadvantage & facts. There are some safety tips which help user to use SNS in much effective way.

Keywords: Social website impact, Social Networking Sites, addiction of Facebook, social networking addiction disorder, Facts of SNS, Advantage & disadvantage of SNS

I.                   INTRODUCTION

We all are globally connected with the help of internet and its related technologies. More and more, people are turning to the Internet to keep in touch with friends, family and colleagues. Social networking sites (SNS), make staying involved quicker, easier and more fun than ever before. These sites have millions of users, with more signing up every day. Some popular social sites in the world are Facebook, Twitter, MySpace, Pinterest, Google Plus+, Tumblr, Instagram, Flickr, MySpace etc. These social websites provide very simple joining procedure. After that you create a “profile” (you must have a verifiable email address) and you may choose to join a “network”. Your profile is where you provide information that you want to share. Once your profile has been created you find people you know, and add them to your “friend” list. In your profile, you can update your status, post items of interest, join groups, download applications, play games, take quizzes and a myriad of other things to spend time on. SNS allow people to stay connected by easily monitoring updates or changes in others’ profiles.

II.                OBJECTIVE

Through this topic (i.e. “Social Networking Sites (SNS): A Quick study and its impact for Educational & Social Platform”) we try to elaborate Social networking sites (SNS), how they affect our social life, its present growth survey and activities with their impact of Educational & Social Platform. We also try to focus their advantages and disadvantage.

III. A VIRTUAL PLACE: SOCIAL NETWORKING AND IT’S EFFECT

Online Social networking is a type of virtual communication that allows people to connect with each other. This concept arises from basic need of human beings to stay together in groups forming a community. Mr. Navneet a Research Scholar at Jodhpur National University compared some world’s top Social Networking Websites algorithm and its working style. Such as in Facebook people project their identity by demonstrating their relationships to each other. You define yourself in terms of who your friends are. Wikipedia defines social network service as online platform that focus on building and reflecting social networks or social relations among people who share interests and activities. Social networking sites, email, instant messaging, video- and photo- sharing sites and comment posting are all tools that help people to communicate and socialize with each other. The first social networking site SixDegrees.com was launched in 1997. It allowed users to create profiles, list their friends and surf the friends list (Boyd, & Ellison, 2007). People join social networking sites because it gives them an opportunity to express their views, a feel of independency and self esteem. It is just a click way to create a virtual profile and connect with millions of users across the world, becomes more interesting because you can stay connected with old friends and family members. The list of ten most popular social networking sites based on their Alexa global traffic rank and traffic rank from Compete and Quant cast is shown in below table as per survey on April 2014[1]

Rank
Sites
Estimated Unique Monthly visitors
1
Facebook
900,000,000
2
Twitter
310,000,000
3
LinkedIn
250,000,000
4
Pinterest
150,000,000
5
Google Plus+
120,000,000
6
Tumblr
110,000,000
7
Instagram
85,000,000
8
VK
80,000,000
9
Flickr
65,000,000
10
MySpace
40,000,000

Table 1: world’s top 10 SNS as on April 2014

As per comscore 84 percent of India’s total internet visitors are users of SNS. India is the third largest market worldwide for social networking after the China and USA. [2]

According to Facebook statement as on December 31, 2012, it has 1.06 billion monthly active users (MAUs) worldwide including 71 million in India. [3]
Facebook captures the top slot among SNS in India with 71 million visitors. Interestingly, Social networking site Facebook has said it is having approximately 50 million duplicate accounts besides 22 million of misclassified and undesirable accounts as on Dec 31, 2012 [4]

The growth rate of internet population in India is very fast. As per comscore survey Indian internet population is 205 million as on 2013.  But as per growth rate it’s projected to be the second largest by 2015 with 330-370 million users [5] which is also shown in below figure.


Figure 1: India on Internet

       IV.             SOCIAL NETWORKING SITES (SNS) : FACTS

We are Human being; we affect our society & environment with every action. With the help of SNS we do lots of activities but it also affects our social, educational and personal life. Below are some facts & concern about social networking site:
1.          Personal Privacy Concern
2.          Educational & Social Concern
3.          Biological Impact of SNS
4.          Marketing & Political concern
5.          Its  affects Work Productivity
6.          Facebook & other SNS Addiction Disorder
7.          SNS - A Playground for Cyber Criminals
8.          SNS affects Relationship

1. Personal Privacy Concern: As Personal Privacy Concern there is a narrow gap between private and public life in the age of social networking. Once you put your personal data, image or video on web site, you are helpless to control its distribution. Though you can set its privacy level in the profile but you are sharing them with an unknown web administrator. Tomorrow your personal information may lend in the hand of parents, teacher, employer, spouse, criminal or a marketing company.

A study conducted by Pew Internet & American Life Project in September 2013 found that 71% of online adults use Facebook, 18% of online adults use Twitter, 17% use Instagram, 21% use Pinterest and 22% use LinkedIn. [6] As compare all Social Networking Sites 66 percent of teens restrict their online profile by making it private. They found 82 percent teens post their first name, followed by photos of themselves (79%); name of city (61%) and email address (29%). According to Pew study girls generally don’t post information that could help in finding their physical location. On the other hand, boys are just opposite and post more information about their real location. But its statics changed day by day now, all adult try to put right current location on SNS portal. Today many employers look online profile before giving the job offer, because they don’t want to see only one side of employee’s personality. Using the information available on Facebook profile one can easily determine likely physical location of a person. Social networking sites are becoming a threat to the privacy of an individual.

2. Educational & Social Concern: Social networking sites poses various concerns related to Educational & Social Surroundings, As Educational Concern it is very useful to all age group people, They can easily make networks, connected with friends & teachers to enhancing knowledge. Users can easily collect lots of knowledge & experience using SNS. But in some cases teens also addicted to SNS and involved in illegal activities. As per DNAINDIA many Rape & Harassment committed with the help of Social Networking Sites. [7] It is also called cyber-age friendship.
The Courier-Mail can reveal police logged 3400 offences involving Facebook in the past year, including 21 murders and almost 250 rapes and sexual offences. [8]

3.       Biological Impact of SNS: Social networking users face several health risks because they reduce face-to-face contact and become addicted in a virtual world of relationships. Instant gratification of needs become their goal. According to online survey users spent an average of 7 hours a month on Facebook. This makes Facebook Internet’s maximum time waster website. In U.S. 53% of people check their Facebook profile before getting out of bed in the morning and 35% check their accounts several times in a day.

The Retrevo Gadgetology Report examined data from 1,000 Facebook and Twitter users to see when, where, and how much time they spend on their social media accounts.
According to the report, the individuals were distributed across gender, age, income and location in the United States.

The study found that almost half of users under the age of 25 and 27 percent of those over 25 - allow social media updates to interrupt meals, and that 11 percent admit to checking updates during sex (6 percent of users over 25 do the same). Twenty-four percent of users under 25 and 12 percent of users over 25 allow "electronic message" to interrupt them while they're in the bathroom. [9] So, its affect our life which is must be noticed.

4.       Marketing & Political concern: Social Media marketing is rapidly earning a role in the integrated marketing mix of small and enterprise businesses; it’s transforming every division from the inside out. It may be customer service, marketing, public relations, advertising, interactive, eventually inspires an entire organization to socialize. Following are the comparative chart which show B2C & B2B Marketing ratio. [10]


Figure 2: B2C & B2B Marketing ratio

Social Media has rapidly grown in importance as a forum for political activism. Social media platforms, such as Twitter, Facebook and YouTube provide new ways to stimulate citizen engagement in political life, where elections and electoral campaigns have a central role. Personal communication via social media brings politicians and parties closer to their potential voters. It allows politicians to communicate faster and reach citizens in a more targeted manner and vice versa. Reactions, feedback, conversations and debates are generated online as well as support and participation for offline events. Messages posted to personal networks are multiplied when shared, which allow new audiences to be reached. Although the presence of social media is spreading and media use patterns are changing. We can easily see the social media effect in 2014 elections in India. [11]

5.       Its affects Work Productivity: People spent hours chatting with their friends and browsing profiles on social networking sites. It becomes a compulsive habit to visit own profile several times in a day for checking friends updates, changing status, and commenting on others photos and videos. Finally it diverts employee’s attention from the office work and students from study.

6.  Facebook & other SNS Addiction Disorder:
After drugs and alcohol addiction, if the world is facing any new type of addiction disorder, then that is Social Networking Sites addiction. This is a kind of Internet addiction, but social networking site influences such that people goes mad behind it. It’s like people being immersed in virtual life and forgetting about the physical world around them. The following numbers will help you get an idea of what Social Networking Sites such as Facebook addiction looks like:
·         Approximately 50% of individuals between the ages of 18 and 34 check Facebook immediately after waking up.
·         More than half of these individuals check their Facebook pages on their smart phones before getting out of bed.
·         48% of young Americans stated that they get their “news” through Facebook. 
·         Young people not only see Facebook as a place to interact with friends, but as a place to get legitimate information about current events.
·         11% of individuals age 25 and under (compared with 6% in older age cohorts) can be interrupted by a Facebook or Twitter message during sex.
·         22% of the same group can be interrupted by a message during a meeting (compared with 11% of older adults).
·         24% can be interrupted while going to the bathroom (compared with 12%).
·         And 49% can be interrupted during a meal (compared with 27%).
·         48% of Facebook users update their status or check for notifications after going to bed.
·         18% of individuals age 25 and under cannot go “more than a couple of hours” without checking their Facebook page.[12]
Due to this SNS addiction a mother from north Florida, killed her own child because the boy was crying that make her anger while she was playing Farmville on Facebook. The shocking story was reported by the Florida Times-Union in 2010. Salum Kombo, 18 yrs from London, was stabbed by his friend over an argument that started over Facebook. Salum wrote something stupid on his friend’s wall and that provoked the boy to kill his best friend on the street (France, 2009). When we searched Facebook addiction disorder in Google, it gives 40, 90,000 results as on May 2014. The more interesting thing is that there a number of communities in Facebook itself that talks about FAD. You are an Addict If:
·         You start losing sleep over Facebook and that hampers your daily activity.
·         Spend more than an hour on Facebook.
·         You become obsessed with your old loves and start visiting their profile. And gradually it starts to affect your current relationship status.
·         You tend to ignore work and use Facebook in office hours.
·         When you think of going a day without Facebook, it causes stress and anxiety to you. [13]
According to Mr. Navneet (Research Scholar) it is a situation in which Facebook usage overtake daily activities like your normal function, eating, working, waking up, sleeping and many more. So,
Social networking sites should be limited for making friends and fun in the leisure. But don't substitute it with your real life social contacts. Otherwise, you will be facing social isolation, high level of anxiety and other behavioural disorders.

7. SNS - A Playground for Cyber Criminals: The beginning of social networking sites started to make contacts with people and build a network of healthy relationship in the society. But now it seems offering cybercriminals a great advantage to target victims. Generally cybercriminals collect information from SNS such as name, dob, family background, current status, your choice, work culture and use this information to commit crime. Think what we do generally, suppose a family was out of home for treatment of his son. Instead of making phone calls to everyone, he was updating on Face book message about son's health. Everyone read his Face book message and the criminal commit crime at home during this time. Cybercriminals use social media not only to commit crime online, but also for carrying out real world crime owing to “over-sharing” across these social platforms. A survey of 2,000 home-owners stated that 35% users post their vacation plans on social networking sites. Availability of such authentic information helps the criminals achieve their motives easily. Adding to these reasons, the money associated with the malware market is also a motivation for criminals to attack using social media. Although social media talks more about individual users, the cyber criminals not only attack the user as an individual, but they also use it as a channel to victimize businesses. A study by Cyberoam reveals that disclosures over social media highly affect business. As per survey 40% company posted their confidential information on SNS, 70% posted clients details, and 70% posted complete company profile and top management personal profile. [14]
Just like any other medium, social media can also become a source of data leakage, intrusions, entry for malicious content, loss of productivity and so on. A good balance between security and social networking can help.

8. SNS affects Relationship: Social networking site that once was thought to be helping people across the world to unite and making new relationship can also damage the relationship and make life miserable. Imagine one morning you find, your spouse updated his marital status to single on Facebook. And people posting comments about your sad break up. How cheap has become our relationships in the age of social networking. A survey by the American Academy of Matrimonial Lawyers (AAML) reveals Facebook is the main reason behind one out of five divorces in the US. It also says 80 percent of divorce lawyers use social networking site to gather evidence. Flirty messages, photographs and other personal information that you share on Facebook can be used as proof of infidelity.
Facebook is fuelling divorce rate because it easily reunites old lovers and acts as a secret platform for dating. A research conducted on 308 Facebook users found majority of participants (74.6%) are likely to add previous romantic or sexual partner as friends on Facebook. It also shows time spent on Facebook increasing jealousy related feelings. Some people’s flirting comment on your profile can make your partner feeling aggressive and jealousy. And this starts the beginning of a break up. Today social networking site making it much easier, your spouse not feeling good to have sex with you but seeking sexual solicitation from Facebook friend. Interestingly, there are sites dedicated to Facebook cheating. FacebookChea-
ting.com provides tips how to catch a cheating spouse in the social networking sites. Some typical clues to know if your spouse is involved in cyber Infidelity also known as “Online Affair”
·         Spends excessive time online.
·         Computer use continues even after its bed time.
·         Computer screen is changed by your partner when you come close.
·         You don’t know any password or anything about his email address.
·         Internet history is always cleared.

V.       SOCIAL NETWORKING SITES (SNS) : ADVANTAGE
·            The main advantage of social networking site is that it helps in establishing connection with people, friends and relatives.  It helps in sharing one’s view, share pictures and lots of other stuffs.
·            It helps students in interacting with one another and share ideas.  This helps in improving student’s creativity.
·            The social networking websites can be accessed from any part of the globe. This helps the students to establish communication with their teachers and friends through which they can improve their knowledge.
·            Social networking sites are not only used by the students for sharing pictures, videos or it is not only meant for fun and entertainment.  Through social networking sites like Facebook, LinkedIn one can become a member and can also post relevant information about campus drive.
·            Through these sites the students can establish contact with entrepreneurs, corporate people and can gain valuable information from them.
·            Social networking sites have taken a new dimension called marketing.  Certain websites offer advertisements to its subscribers. [ 15 ]
·            These sites give users a platform across the globe to express their feelings and views.
·            It helps users to get interact with other users, no matter from where s/he operates these sites in world.
·            These sites help users to organize and participate in any events.
·            Social networking sites help us to find our long-lost and childhood friends and relatives.
·            These sites help many love birds to find and meet their soul mates.
·            It is a great source of communication between two users, irrespective of the distance between them.
·            These sites help users to refresh their mind and mood, as it is a great source of entertainment and gaming.
·            It helps to give rise some newcomers in the world of music, acting, drama, and other arts.
·            SNS boosts many organizations and business, through their promotions on these sites.
·            It helps in building credibility amongst the customers.
·            It helps to make people and community aware of any issue.
·            It helps to bring social change in society.
·            It helps to be in touch with our interested, loved ones, relevant group or people or community.
·            These sites are not only a source of creating social activities but also a great way to participate and enhance our skill through participating in many contests and activities.
·            Many people even can win many prizes through these sites.
·            These sites also help in terms of educations awareness and motivations though many educational groups and communities.
·            Through these sites, users can easily get in touch with many celebrities and their updates.
[16]

VI.     SOCIAL NETWORKING SITES (SNS) : DISADVANTAGE

Every coin has two sides.  Whenever there comes the point of advantages, disadvantages also comes into picture obviously.  So some of the disadvantages are:
·         One of the major disadvantages of using social networking websites are the students get addicted to it.  They used to spend hours in those social networking sites which can obviously degrade the student’s academic performance.
·         Some students may tend to use to these social networking sites till mid night or even more which can obviously lead to health related problems.
·         Some students may spend time in Facebook through which they lack to spend time with their family members.  This can also be a disadvantage also.
·         Some students may provide detailed information like phone numbers, address which is very dangerous because they can easily tracked down by strangers. [17]
·         One of the major demerits of these sites are increment in criminal activities, as there is no hard restrictions on creating account on these sites.
·         Another important issue is security of our personal data and information, as it’s free to everyone; most of the users create face accounts and misuse the personal information of other users/celebrities.
·         Sometime some non genuine and face account users attacks to some religious communities and political groups.
·         It encourages porno activities, and attacks many children and youths.
·         These sites unnecessarily waste our valuable time, when user spend time on these sites and get addicted.
·         Addictions of these sites can even affect our mental conditions, sometime is became a big reason of depression and tension.
·         It also affects our health directly.
·         User's reliability is not sure; it's very hard to trust on any stranger on these sites.
·         Many of time it has been seen that it became the reason of one's death, as it becomes the medium to get in touch with the victim.
·         It affects children and youngster's studies. As they spend their valuable time on these sites and loss their studies and concentration. You can read about these bad effects of internet on children, and step of preventions.
·         It encourages many scams. [18]

VII.          SAFETY TIPS  IN SOCIAL NETWORKING SITES (SNS)
          ·      Change the profile privacy now. By default it is public so change it friends only.
          ·      Always close your session after login/logout with SNS or try to delete history from web browser.  
·      Personalize your firewall setting during the setup process which show how much data you want to allow into your system from internet or some SNS Application.
·      Keep your information accessible only to people in your friend list.
·      Don’t accept friendship request from strangers.
·      Generally we judge particular person online, by his /her profile picture and personal information. This is the first mistake that cyber criminals wanted us to do.
·      Don’t post very personal information on the profile. It includes your email id, date of birth, contact number, home address and information about your family members.
·      Be cautious while posting your photo. Ensure your photo background doesn’t show about your actual whereabouts.
·      Don’t post your current location when on a tour. Posting this information on social networking site is just like inviting criminals.
·      Don’t post negative things about your life. This is just like maligning your own image. Your friends are monitoring your activity and one such mistake can cause havoc in future.
·      Make distance from your ex’s profile. This might seem you little cruel, but once you decide to quit a relationship there is no meaning again visiting your ex-partner’s profile. If you want to have a good life in future, then unfriend your ex from friend list.
·      Don’t substitute real friends with virtual friends. Facebook and other SNS is a great tool to connect new people across world. But they can never be your real friends. You need real friends to enhance your social image and reduce stress and anxiety.
                ·      Change your password regularly on all SNS accounts.
              ·      Installed software updates, patches & Antivirus of operating system regularly. It protect from attack. Because some SNS allow some background access of information through its related apps.
·      Avoid using Social networking sites in work hours. When you try to use social networking sites during work hour, it not only affects your work performance but also increases chances of getting fired.
·      Do not visit un-trusted apps or link which provided by unknown or un-trusted user or sources on Social Networking Sites.
  • Do not respond to any unsolicited (spam) incoming e-mails or links on SNS.
  • Do not open any attachments or link contained in suspicious emails or attachment over SNS or other websites.
  • Do not enter personal information in a pop-up screen. Providing such information may compromise your identity and increase the odds of identity theft. Because sometimes when you visit any social sites or application, they want permission to access your all account information. So be cautious before clicking this information.
  • Have separate passwords for important work related and SNS related accounts.
  • Be educated with modern technology and applications. [19]

VIII.    CONCLUSIONS

At the end, we want to conclude that Social networking sites are playing very significant role; it has a direct impact on all age group people. Though it has many conclusions but still these are like an effective tool in communicating millions of people and spreading our expressions worldwide. We all need a change in the pattern of use, in order to prevent miss-happenings on these sites. If we will be active and aware these sites will serve us their batter and will bring some more revolution in the world of cyber technology. Following Step can be taken to avoid and prevent disadvantages from Social Networking Sites:-
·         Impositions of some restriction on these sites by the government and cyber department of that country
·         Proper counseling should be given to addicted users and students, regarding its bed effects and proper utilizations of these sites.
·         Social awareness programs can related to many scams running on these sites can also help users.
·         Parents-children interaction and counseling is also a good idea to prevent children from excessive use of these sites.
·         User's activeness is also necessary, if a user sees anything illegal, unnatural, and a kind of criminal activity they can "Report Abuse" that content. Report abuse is a feature in almost many sites to report a suspicious and non social content and activity, then the site admin would like onto that matter.
·         Avoid unnecessarily uploading of your personal data, including information's, pictures, and other things.
·         Setting time schedule for using these sites can also help in unnecessarily waste of time.
·         Must be follow safety tips which is mention in section VII.

IX.       REFERENCES
[1]           http://www.ebizmba.com/articles/social-networking-websites
[2]           http://www.slideshare.net/mitraarnab1/india-on-internet-2014
[3]           http://gadgets.ndtv.com/social-networking/news/facebook-has-71-million-active-users-in-india-50-million-duplicate-accounts-worldwide-328213
[4]           http://gadgets.ndtv.com/social-networking/news/facebook-has-71-million-active-users-in-india-50-million-duplicate-accounts-worldwide-328213
[5]           http://www.slideshare.net/mitraarnab1/india-on-internet-2014
[6]           http://www.pewinternet.org/fact-sheets/social-networking-fact-sheet/
[7]           http://www.dnaindia.com/mumbai/report-facebook-pal-from-mumbai-held-for-rape-of-teenaged-goan-girl-1949882
[8]           http://www.couriermail.com.au/
                news/queensland/facebook-increasingly-being-used-by-criminals-to-lure-victims/story-fnihsrf2-1226747159852
[9]           http://www.huffingtonpost.com/
                2010/04/06/youth-interrupt-sex-to-an_n_525839.html
[10]         http://www.briansolis.com/2010/02/the-role-of-facebook-and-twitter-in-social-media-marketing/
[11]         http://epthinktank.eu/2014/02/12/the-role-played-by-social-media-in-political-participation-and-electoral-campaigns/
[12]         http://www.lifementalhealth.com/facebook-addiction-statistics-a-new-era/
[13]         https://www.facebook.com/notes/i-suffer-from-fad-facebook-addiction-disorder/symptoms-of-facebook-addiction-/124798097549198
[14]         http://www.cyberoam.com/blog/why-social-networking-sites-are-a-favourite-with-cyber-criminals-today/
[15]         Advantage-http://students3k.com/advantages-and-disadvantages-of-social-networking-sites-for-students.html
[16]         Advantage- http://www.digitaltechinspiration.com
/2012/09/social-networking-sites-facts.html
[17]         Disadvantage – http://students3k.com/
advantages-and-disadvantages-of-social-networking-sites-for-students.html
[18]         Disadvantage- http://www.digitaltechinspiration.com
/2012/09/social-networking-sites-facts.html

[19]         Safety Tips – By Mr. Navneet- Vol. 2 Issue II, February 2014 ISSN: 2321-9653 With Topic “Is your website protected: a quick study to know “unknown doors to your websites?”